दिल्ली-एनसीआर में कहर बनकर टूटा तूफान: 4 की मौत, सैकड़ों प्रभावित
नई दिल्ली | 23 मई 2025 — राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर क्षेत्र में बुधवार रात और गुरुवार को कुदरत ने ऐसा तांडव मचाया कि सारा जनजीवन थम सा गया। तूफानी हवाओं के साथ आई मूसलधार बारिश ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। तेज़ रफ्तार आंधियों ने पेड़ उखाड़ दिए, बिजली के खंभे गिरा दिए और कई इलाकों को अंधेरे में डुबो दिया।
सबसे दुखद पहलू यह रहा कि इस प्राकृतिक आपदा में दिल्ली और गाज़ियाबाद में 4 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। मरने वालों में एक बच्चा और एक बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो दीवार गिरने और पेड़ के नीचे दबने से अपनी जान गंवा बैठे।
हाहाकार जैसे हालात
तूफान के बाद शहर की तस्वीरें किसी आपदा क्षेत्र जैसी दिखने लगीं। कई मुख्य सड़कों पर पेड़ गिरे हुए थे, ट्रैफिक पूरी तरह जाम था और सैकड़ों लोग घंटों तक फंसे रहे। कई स्थानों पर घरों में पानी घुस गया, और स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया।
हवाई और रेल सेवाएं प्रभावित
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 50 से ज्यादा उड़ानों में देरी, और 10 से अधिक फ्लाइट्स को अन्य शहरों की ओर डायवर्ट करना पड़ा। ट्रेन सेवाएं भी धीमी रहीं, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में भी तेज़ हवाएं और हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें और खुले स्थानों, पेड़ों या पुराने निर्माणों के पास खड़े न हों।
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प्रशासन सतर्क, मगर तैयारी सवालों में
भले ही नगर निगम और प्रशासन की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन सवाल उठता है—क्या हमारी महानगर व्यवस्थाएं इस तरह की आपदाओं के लिए तैयार हैं? जब हर साल इस मौसम में इसी तरह का संकट आता है, तो बचाव और रोकथाम के पुख्ता इंतज़ाम क्यों नहीं होते?
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यह सिर्फ एक मौसम की मार नहीं थी, यह एक चेतावनी थी — कि हमें अपने शहरों को सुरक्षित, सुदृढ़ और सतर्क बनाना होगा।